जानिए कैसे काला जीरा मधुमेह(diabetes)को नियंत्रित करता है और खून की कमी को पूरा करता है
काला जीरा भारत का एक प्राचीन मसाला है, जिसके स्वाद में हल्की सी कड़वाहट होती है। गर्म तासीर होने की वजह से सर्दियों में इसका ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। काला जीरा ना केवल एक मसाले के रूप में उपयोग किया जाता है, इसके बहुत अधिक स्वास्थ्य लाभ होने की वजह से ये एक औषधि के रूप में भी उपयोग होता है। इसकी तासीर गर्म होती है, यह सामान्य जीरे जैसा होता है लेकिन इसका रंग काला होता है और आम जीरे से कुछ मोटा होता है। यह काला जीरा से अलग होती है।अगर आप शरीर में जमा फैट जल्द से जल्द कम करना चाहते है तो केवल एक महीने तक काले जीरे का नियमित सेवन करें। काला जीरा शरीर में जमी चर्बी को गला कर अपशिष्ट पदार्थों को मल-मूत्र के जरिये शरीर से बाहर निकालता है और आपको फिट बनाता है।
ये गर्भावस्था के समय गर्भाशय की सूजन को कम करके महिला प्रजनन प्रणाली को आसान कर देता है। ये गर्भवती महिलाओं में प्रसव पूर्व स्वास्थ्य में सुधार लाने में अत्यधिक सहायक होता है।काला जीरा उच्च आयरन कंटेंट होने की वजह से दूध उत्पादन प्रदान करके स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए उपयोगी है। काला जीरा मसूड़ों से खून बहना रोकने के लिए मदद करता है, इसके अलावा ये मुंह के छालों के लिए बेहतरीन इलाज है।
काला जीरा खाने से मुंह से आने वाली बदबू भी कम हो जाती है। काला जीरा शरीर के किसी भी हिस्से के दर्द के लिए उपयोगी होता है।ये मौसम बदलने के दौरान होने वाले सर्दी-जुकाम में भी फायदेमंद है। ये मौसम में आए बदलाव के साथ शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है। सर्दी-खांसी, नाक बंद होना और सांस लेने में होने वाली तकलीफ के दौरान काले जीरे का सेवन करने से फायदा होता है।काले जीरा से पाचन तंत्र की बीमारियों जैसे पेट के कैंसर या कैंसर की रोकथाम में इलाज संभव है।
काला जीरा के कुछ अन्य विशेष गुण :
खून की कमी यानी एनीमिया :
जीरे में आयरन भरपूर मात्रा में होता है जिससे यह खून की कमी यानी एनीमिया को दुरुस्त करता है और रक्त में हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाता है।
दमा (अस्थमा) में :
यह शरीर में ऑक्सीजन का सभी हिस्सों में पहुंचना सुचारु करता है। दमे के मरीजों को इसके भरपूर लाभ मिलते हैं। इसमें थायमोक़्यीनॉन नामक एक खास तत्व होता है जो दमे को रोकने बहुत कारगर है।
शरीर की गंदगी बाहर निकालने में :
हमारे शरीर में विभिन्न कारणों से गंदगी आ जाती हैं जिन्हें शरीर पसीने और फुंसियों के रूप में बाहर निकालता है। जीरे का नियमित इस्तेमाल शरीर की शोधन करने की प्रक्रिया को तेज करता है और गंदगी मुंहासों और फुंसियों के तौर पर बाहर नहीं आती। आपकी त्वचा साफ और सुंदर बनी रहती है।
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एग्ज़िमा और सोराइसिस में :
जीरे में विटामिन ई भरपूर मात्रा में होता है जिससे यह त्वचा को स्वस्थ रखने में बहुत कारगर होता है। इसमें प्राकृतिक तेल होने के साथ साथ एंटी फंगल गुण होते हैं जिनसे त्वचा इंफेक्शन से बची रहती है। इसमें त्वचा संबंधी बीमारियों जैसे एग्ज़िमा और सोराइसिस को ठीक करने के गुण होते हैं। जीरा पाउडर को आप अपने फेसपैक में भी मिला सकते हैं। इसमें पाया जाने वाला विटामिन ई त्वचा पर होने वाले उम्र के असर को कम करता है।
जीरा फेस पैक :
जीरे के उपयोग से बना फेसपैक बहुत फायदेमंद होता है। इसे हल्दी के साथ मिक्स करके बनाया जाता है। जीरा पावडर और हल्दी को शहद के साथ इस्तेमाल करना चाहिए। इस पेस्ट को चेहरे पर लगाकर सूखने तक रखना होता है। इससे त्वचा नर्म और उजली बनती है। जीरे के उपयोग से रूसी से भी छुटकारा पाया जा सकता है। इसे आप अपने तेल में थोड़ा गर्म करके इस गुनगुने तेल से सिर पर मसाज कीजिए और रूसी से छुटकारा पा लीजिए।
महिलाओ के लिए फायदा :
ये गर्भवती महिलाओं में प्रसव पूर्व स्वास्थ्य में सुधार लाने में अत्यधिक सहायक होता है. काला जीरा उच्च आयरन कंटेंट होने की वजह से दूध उत्पादन प्रदान करके स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए उपयोगी है.
सांस की बीमारियों :
काला जीरा सांस की बीमारियों जैसे ब्रोंकाइटिस और अस्थमा के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है.
दस्त और कब्ज :
काला जीरा दस्त और कब्ज के समय पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
सिरदर्द व दांत दर्द में दे राहत :
काले जीरे का तेल सिर और माथे पर लगाने से माइग्रेन जैसे दर्द में लाभ होता है। गर्म पानी में काले जीरे के तेल की कुछ बूंदें डाल कर कुल्ला करने से दांत दर्द में काफी राहत मिलती है।
नोट :
* काला जीरा तासीर में गर्म होता है जिस कारण इसका सेवन एक दिन में तीन ग्राम से ज्यादा नहीं करना चाहिए।
* जिन्हें ज्यादा गर्मी लगती है या जो हाई ब्लडप्रेशर के मरीज है, गर्भवती महिलाएं, छोटे बच्चों के मामले में डॉक्टर से सलाह लेकर ही इसका सेवन करें।
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